
LLB 2nd Semester Syllabus in Hindi
LLB 2nd Semester Syllabus in Hindi: इस पेज पर LLB (Bachelor of Law) के छात्रों के लिए Second Semester के सभी पेपर्स का लेटेस्ट सिलेबस हिन्दी में दिया गया है | यहाँ पेपर में दिए गये प्रत्येक यूनिट को विस्तार से समझाया गया है |
द्वितीय सेमेस्टर में “General Principles of Law” पेपर पढाया जाता है जिसमें 8 यूनिट (चैप्टर्स) हैं | यह पेपर कुल 100 नंबर का होता है, जिसमें से 75 मार्क्स लिखित परीक्षा में मिलते हैं | न्यूनतम पासिंग मार्क 33 होता है |
LLB 2nd Semester Syllabus in Hindi
इस सेक्शन में सिलेबस में दिए गये यूनिट्स की लिस्ट दी गई है | इस पाठ्यक्रम के अंत तक, आप कानून की परिभाषा, उसके स्रोतों, कानूनी अवधारणाओं और कानून की व्याख्या के नियमों को समझने में सक्षम होंगे |
आपको अपने कोर्स में इन टॉपिक्स को पढ़ना होगा:
1️⃣ कानून – प्रकृति, विशेषताएँ और कार्य (Law – Nature, Characteristics, and Functions)
- कानून का मानक स्वरूप (Normative Character of Law)
- कानून की बाध्यकारी और प्रेरणादायक शक्ति (Binding and Persuasive Force of Law)
- कानून के तत्व: अधिकार, उपयोगिता, उद्देश्य और विधि का शासन (Elements of Law, Authority, Utility, Objectivity, and Rule of Law)
2️⃣ कानून और नैतिकता (Law and Morality)
- कानून और नैतिकता के बीच संबंध (Relation between Law and Morality)
- संवैधानिक नैतिकता (Constitutional Morality)
- कानून और समाज (Law and Society)
3️⃣ कानून के स्रोत (Sources of Law)
- कानून के स्रोत और उनका वर्गीकरण (Sources of Law and their Classification)
- रूढ़ियों की आवश्यकताएँ और वैधता (Essentials and Validity of Customs)
- न्यायिक नजीरें, उनकी परिभाषा और सिद्धांत (Judicial Precedents, Stare Decisis, Ratio Decidendi, Obiter Dicta)
- विधान, संविधान, अधिनियम, अध्यादेश, नियम और उपनियम (Legislation, Constitution, Statute, Act, Ordinance, Rules and Regulations)
4️⃣ कानूनी अवधारणाएँ-I (Legal Concepts-I)
- कानून के प्रकार और वर्गीकरण (Kinds and Classifications of Law)
- अधिकार और कर्तव्य, उनका स्वरूप और संबंध (Rights and Duties – Nature, Types, and Relationship)
5️⃣ कानूनी अवधारणाएँ-II (Legal Concepts-II)
- कानूनी व्यक्ति (Legal Person – Nature, Importance, and Theories)
- स्वामित्व और कब्जा (Ownership and Possession – Nature, Types, and Relationship)
6️⃣ कानून की व्याख्या (Interpretation of Law)
- प्राकृतिक न्याय के सिद्धांत (Principles of Natural Justice)
- न्याय के प्रकार और भारतीय संविधान की प्रस्तावना में न्याय की अवधारणा (Kinds of Justice with reference to the Preamble of the Constitution of India)
- समानता की अवधारणा और विभिन्न संदर्भों में कानून और समानता (Concept of Equality and Law in Different Contexts)
7️⃣ कानून की व्याख्या के नियम (Rules of Interpretation of Law)
- समानता, निष्पक्षता और सद्भावना के सिद्धांत (Principles of Equity, Fairness, and Good Conscience)
- कानून की व्याख्या के सिद्धांत और विधियाँ (Principles and Methods of Interpretation of Law)
8️⃣ वैधानिक व्याख्या के नियम (Rules of Statutory Interpretation)
- प्राथमिक नियम: शब्दशः नियम, स्वर्ण नियम, गलत दृष्टिकोण का नियम, उद्देश्यपूर्ण नियम (Primary Rules: Literal Rule, Golden Rule, Mischief Rule, Purposive Rule)
- द्वितीयक नियम: नोस्सीटुर ए सोशिस, एजुस्डेम जेनेरिस, रेडडांडो सिंगुला सिंगुलिस (Secondary Rules: Noscitur a Sociis, Ejusdem Generis, Reddando Singula Singulis)
LLB 2nd Semester Syllabus in Hindi (Explanation)
इस सेक्शन में एल.एल.बी. सेकंड सेमेस्टर के सिलेबस में दिए गए प्रत्येक यूनिट (चैप्टर) और टॉपिक को उदाहरणों के साथ विस्तार से समझाया गया है |
1. कानून – प्रकृति, विशेषताएँ और कार्य (Law – Nature, Characteristics, and Functions)
कानून एक सामाजिक संस्था है जो समाज में शांति और व्यवस्था बनाए रखने में सहायता करता है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों के अधिकारों की सुरक्षा करना और न्याय प्रदान करना है।
उदाहरण:
- संविधान का अनुच्छेद 14 समानता के अधिकार को सुनिश्चित करता है, जो कानून की एक मौलिक विशेषता है।
- भारतीय दंड संहिता (IPC) में अपराधों की परिभाषा और उनके लिए सजा का निर्धारण किया गया है।
- नागरिक प्रक्रिया संहिता (CPC) कानूनी विवादों के समाधान की प्रक्रिया निर्धारित करती है।
2. कानून और नैतिकता (Law and Morality)
कानून और नैतिकता का गहरा संबंध है। नैतिक मूल्यों के बिना कानून प्रभावी नहीं हो सकता, और कानून का उद्देश्य नैतिकता को बढ़ावा देना भी होता है।
उदाहरण:
- सती प्रथा को रोकने के लिए कानून बनाया गया क्योंकि यह नैतिक रूप से गलत था।
- दहेज निषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act, 1961) समाज में नैतिकता को बढ़ावा देने के लिए लागू किया गया।
- अनुच्छेद 21 (जीवन का अधिकार) में गरिमा के साथ जीने का अधिकार शामिल है, जो नैतिकता और कानून दोनों का महत्वपूर्ण पहलू है।
3. कानून के स्रोत (Sources of Law)
कानून के विभिन्न स्रोत होते हैं, जो समाज की आवश्यकताओं के अनुसार विकसित होते हैं।
मुख्य स्रोत:
- संविधान – भारत का सर्वोच्च कानून, जिससे सभी अन्य कानूनों की वैधता निर्धारित होती है।
- विधान (Legislation) – संसद और राज्य विधानसभाओं द्वारा बनाए गए कानून।
- न्यायिक नजीरें (Judicial Precedents) – उच्च न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले, जो कानून की व्याख्या में सहायक होते हैं।
- रूढ़ियाँ (Customs) – समाज में प्रचलित परंपराएँ, जिन्हें मान्यता देकर कानून का रूप दिया जाता है।
4. कानूनी अवधारणाएँ-I (Legal Concepts-I)
इस भाग में कानून के विभिन्न प्रकारों और अधिकार-कर्तव्यों की परिभाषा को समझाया गया है।
उदाहरण:
- संवैधानिक कानून (Constitutional Law) – भारतीय संविधान द्वारा बनाए गए कानून।
- आपराधिक कानून (Criminal Law) – अपराध और दंड से संबंधित कानून, जैसे कि भारतीय दंड संहिता।
- नागरिक कानून (Civil Law) – संपत्ति, अनुबंध और पारिवारिक मामलों से संबंधित कानून।
5. कानूनी अवधारणाएँ-II (Legal Concepts-II)
इस यूनिट में स्वामित्व, कब्जा और कानूनी व्यक्तित्व की अवधारणाओं को समझाया गया है।
उदाहरण:
- स्वामित्व (Ownership) – कोई भी व्यक्ति किसी संपत्ति का मालिक हो सकता है, जैसे कि जमीन का स्वामित्व।
- कब्जा (Possession) – स्वामित्व से भिन्न, कब्जा का अर्थ है किसी चीज़ पर नियंत्रण रखना, भले ही कानूनी स्वामित्व न हो।
- कानूनी व्यक्ति (Legal Person) – निगम (Company) और ट्रस्ट (Trust) कानूनी व्यक्ति होते हैं, जो अपने नाम से मुकदमा कर सकते हैं।
6. कानून की व्याख्या (Interpretation of Law)
कानून को सही ढंग से समझने और लागू करने के लिए उसकी व्याख्या आवश्यक होती है।
उदाहरण:
- संवैधानिक व्याख्या – उच्चतम न्यायालय द्वारा अनुच्छेद 21 का व्यापक अर्थ निकालकर इसे गरिमा के साथ जीवन के अधिकार के रूप में मान्यता दी गई।
- समानता का सिद्धांत – अदालतें यह तय करती हैं कि सभी व्यक्तियों को समान अवसर और न्याय मिले।
7. कानून की व्याख्या के नियम (Rules of Interpretation of Law)
कानूनी शब्दों और उनकी व्याख्या के लिए विभिन्न नियम बनाए गए हैं।
उदाहरण:
- Literal Rule – शब्दों को उनके सामान्य अर्थ में पढ़ा जाता है।
- Mischief Rule – कानून बनाने के पीछे का उद्देश्य देखा जाता है।
- Purposive Rule – कानून के पीछे की मंशा को ध्यान में रखा जाता है।
8. वैधानिक व्याख्या के नियम (Rules of Statutory Interpretation)
विधायी भाषा को समझने के लिए कुछ नियम निर्धारित किए गए हैं।
उदाहरण:
- Ejusdem Generis – समान प्रकार के शब्दों को एक साथ पढ़ा जाता है।
- Noscitur a Sociis – किसी शब्द का अर्थ उसके संदर्भ में समझा जाता है।
अगर आपको किसी टॉपिक को समझने में समस्या हो तो कमेंट करके हमें बताएं |
LLB Notes in Hindi PDF
इस वेबसाइट पर LLB Notes भी उपलब्ध हैं, जिन्हें आप नीचे दिए गये लिंक से पढ़ सकते हैं और पीडीऍफ़ में डाउनलोड भी कर सकते हैं |
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